Monday, May 25, 2009

'दिल-ऐ-रंजूर'

हर सुखन पर वो करते हैं हौसलाफजाई,
और लब--खामोशी पर करते हैं मुआखज़,
पर अफ़सोस की वो निहाँ--गम को जो समझे

ज़ेहेन में तो हर सू उठे सवाल,
की हो जा इस तल्ख़ सच से रूबरू,
पर बरबन्दे इश्क में ये दिल--गुमगश्ता समझे

Meanings -->

सुखन - शायरी
मुआखज़ - पूछ ताछ
निहाँ - छिपा हुआ
हर सू - हर तरफ़
तल्ख़ - कड़वा
बरबन्दे--इश्क - इश्क की कैद
दिल--गुमगश्ता - खोया हुआ दिल

By --->
Srijan

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